Smart School: बिहार सरकार अब राज्य के सरकारी स्कूलों को आधुनिक बनाने की योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के 20 सरकारी स्कूलों को हाईटेक और मॉडर्न बनाने की घोषणा की है। सरकार का लक्ष्य है कि सरकारी स्कूलों को महंगे प्राइवेट स्कूलों की तरह विकसित किया जाए। जिससे छात्रों को बेहतरीन शिक्षा और सुविधाएं मिल सकें। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, खेल परिसर और अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।
किन सुविधाओं से लैस होंगे ये ‘सुपर स्कूल’?
बिहार शिक्षा विभाग ने 20 स्कूलों को चुना है. जिन्हें ‘सुपर स्कूल’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन स्कूलों में निम्नलिखित आधुनिक सुविधाएं होंगी:
- स्मार्ट क्लास: आधुनिक तकनीक से लैस डिजिटल बोर्ड और ऑडियो-विजुअल सामग्री
- डिजिटल लाइब्रेरी: छात्रों के लिए ऑनलाइन बुक्स और रिसर्च मैटेरियल
- स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए विशेष खेल परिसर
- म्यूजिक क्लास: संगीत और कला को बढ़ावा देने के लिए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स
- कंप्यूटर लैब: छात्रों के लिए वाई-फाई युक्त कंप्यूटर लैब
- सोलर एनर्जी: स्कूलों में बिजली की बचत के लिए सोलर पैनल
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग: पानी संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वर्षा जल संचयन सिस्टम
- ऑर्गेनिक फार्मिंग: कृषि आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल परिसर में जैविक खेती
यदि यह योजना सफल होती है, तो सरकार अगली चरण में अन्य 20 स्कूलों को भी इसी तरह विकसित करेगी। फिलहाल इन स्कूलों को पूरी तरह से मॉडर्न बनाने के लिए साल 2026 तक का लक्ष्य रखा गया है।
कितना खर्च करेगी बिहार सरकार?
बिहार सरकार ने इन 20 स्कूलों को ‘स्मार्ट स्कूल’ बनाने के लिए कुल 91.15 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। इस बजट को विभिन्न स्कूलों की जरूरतों के हिसाब से आवंटित किया गया है।
- 7 स्कूलों को 35 करोड़ रुपये
- 5 स्कूलों को 32 करोड़ रुपये
- 8 स्कूलों को 24 करोड़ रुपये
इस आवंटन में स्कूल की लोकेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति और छात्रों की संख्या को ध्यान में रखा गया है।
किन स्कूलों का हुआ चयन?
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्यभर से 20 स्कूलों को चुना है। जिनमें पटना के चार स्कूल भी शामिल हैं। ये स्कूल निम्नलिखित हैं:
- पटना कॉलेजिएट (पटना)
- बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल (पटना)
- शहीद राजेंद्र सिंह उच्च विद्यालय (गर्दनीबाग, पटना)
- राजकीय बालिका उच्च विद्यालय (गर्दनीबाग, पटना)
- बेलोरी (पूर्णिया)
- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय (पूर्णिया)
- जिला स्कूल (छपरा)
- राजकीय उच्च विद्यालय तारापुर (मुंगेर)
- राम लखन सिंह यादव उच्च विद्यालय महुली (मुंगेर)
- जनता उच्च विद्यालय जीवछघाट (दरभंगा)
- राजकीय इंटर विद्यालय (मुजफ्फरपुर)
- राजकीय प्लस टू उच्च माध्यमिक विद्यालय, तुर्की (मुजफ्फरपुर)
- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय (भागलपुर)
- लोकनाथ उच्च माध्यमिक विद्यालय (भागलपुर)
- जिला स्कूल (गया)
- रंगलाल उच्च माध्यमिक विद्यालय, शेरघाटी (गया)
- अंचित शाह उच्च माध्यमिक विद्यालय (छपरा)
- राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय (छपरा)
- प्लस टू बीकेडी उच्च माध्यमिक विद्यालय (दरभंगा)
- चगछिया प्रियव्रत उच्च विद्यालय (सहरसा)
छात्रों को होगा बड़ा फायदा
इस योजना के तहत छात्रों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं छात्रों को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ेंगी। साथ ही खेल परिसर और म्यूजिक क्लास से छात्रों की मानसिक और शारीरिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकारी स्कूलों की दशा बदलने का प्रयास
बिहार के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से सुविधाओं की कमी की शिकायतें आती रही हैं। पढ़ाई के लिए बुनियादी संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण सरकारी स्कूलों की छवि कमजोर पड़ गई थी। लेकिन अब नीतीश सरकार के इस फैसले से सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और ये स्कूल प्राइवेट स्कूलों के समकक्ष आ सकेंगे।
भविष्य में और स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ पहला चरण है। अगर यह योजना सफल होती है, तो आने वाले वर्षों में बिहार के अन्य सरकारी स्कूलों को भी इसी मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले बेहतर बनाया जाए, ताकि छात्र निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों को प्राथमिकता दें।