एक्सटेंशन व गेस्ट लेक्चररों को सरकार ने किया रेगुलर, 58 साल तक नही हटा सकेंगे Guest Lecturers

Guest Lecturers: हरियाणा सरकार ने राज्य के गेस्ट लेक्चरर्स और एक्सटेंशन लेक्चरर्स को बड़ी राहत देते हुए उनकी नौकरी को 58 साल की सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित कर दिया है. इससे पहले सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की नौकरी को पक्का करने का फैसला लिया था और अब तकनीकी कॉलेजों में तैनात अतिथि संकाय और विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी नौकरी की सुरक्षा दी गई है. इस फैसले से हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो वर्षों से अस्थायी नौकरी की अनिश्चितता झेल रहे थे.

सरकार की अधिसूचना हुई जारी

हरियाणा सरकार के विधि व विधायी विभाग के विशेष सचिव अमरजीत सिंह की ओर से शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई. सरकार ने इस फैसले को कानूनी रूप देने के लिए बीते साल नवंबर में विधानसभा सत्र के दौरान विधेयक पास कराया था. इसके बाद तीन फरवरी को राज्यपाल ने भी इसे मंजूरी दे दी. इससे साफ है कि अब यह फैसला सरकारी आदेश के रूप में लागू हो गया है और इसका लाभ सभी योग्य शिक्षकों को मिलेगा.

कौन-कौन से शिक्षक होंगे इस फैसले के पात्र?

सरकार के मुताबिक, वे एक्सटेंशन और गेस्ट लेक्चरर्स जो 15 अगस्त 2024 तक पांच साल की सेवा पूरी कर चुके होंगे, उन्हें 58 साल की उम्र तक नौकरी से नहीं हटाया जाएगा. इससे इन शिक्षकों को भविष्य की चिंता से राहत मिलेगी और वे स्थिरता के साथ अपने शिक्षण कार्य को जारी रख सकेंगे.

महंगाई भत्ते के साथ मिलेंगे अन्य सरकारी सुविधाएं

हरियाणा सरकार ने इन शिक्षकों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर विभिन्न सुविधाएं देने की भी घोषणा की है. अब उन्हें हर साल जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता (DA) मिलेगा. इसके अलावा सरकार की चिरायु योजना, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ और एक्सग्रेसिया का भी लाभ इन शिक्षकों को मिलेगा. यह सभी सुविधाएं सरकारी पक्के कर्मचारियों की तरह दी जाएंगी, जिससे शिक्षकों का आर्थिक स्तर और सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी.

किन शिक्षकों को नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ?

हालांकि यह राहत केवल उन्हीं शिक्षकों को मिलेगी जो 15 अगस्त 2024 तक अपनी सेवा के पांच साल पूरे कर चुके होंगे. जिनकी उम्र पहले ही 58 साल हो चुकी है. उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा वे शिक्षक जो पहले ही सेवा से हटाए जा चुके हैं या जिन्होंने स्वयं त्याग पत्र दे दिया है, वे भी इस योजना के तहत नहीं आएंगे.

राजकीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में हजारों शिक्षक होंगे लाभान्वित

हरियाणा सरकार के इस फैसले से राज्य के सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा. वर्तमान में हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में करीब 2000 एक्सटेंशन लेक्चरर और 46 गेस्ट लेक्चरर कार्यरत हैं. इसके अलावा राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में 1400 से ज्यादा अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर भी कार्यरत हैं. सरकार अब इन असिस्टेंट प्रोफेसरों की नौकरी को भी 58 साल की आयु तक पक्की करने पर विचार कर रही है.

बड़ी संख्या में शिक्षक नौकरी की असुरक्षा से थे परेशान

लंबे समय से हरियाणा के अस्थायी शिक्षक अपनी नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंता में थे. इनमें से कई शिक्षक वर्षों से एक ही कॉलेज या विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे हैं. लेकिन उनके भविष्य को लेकर कोई निश्चितता नहीं थी. सरकार के इस फैसले से अब इन शिक्षकों को राहत मिलेगी और वे बिना किसी तनाव के पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.

सरकार ने विधानसभा में दिया था आश्वासन

पिछले विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा सरकार ने भरोसा दिलाया था कि वह अस्थायी शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है. अब सरकार ने अपना वादा निभाते हुए यह ऐतिहासिक फैसला लिया है. आने वाले समय में सरकार विश्वविद्यालयों में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए भी इसी तरह की नीति लागू कर सकती है.

शिक्षकों और शिक्षा व्यवस्था के लिए कितना फायदेमंद होगा यह फैसला?

सरकार के इस कदम से न केवल शिक्षकों को राहत मिलेगी. बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जब शिक्षक नौकरी की असुरक्षा से मुक्त होंगे, तो वे पूरी तरह से पढ़ाई और रिसर्च पर ध्यान दे पाएंगे. इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्रों को बेहतर शिक्षण मिलेगा.

क्या अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल?

हरियाणा सरकार का यह फैसला देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है. कई राज्यों में अभी भी गेस्ट लेक्चरर्स और अनुबंधित शिक्षकों को स्थायी नौकरी नहीं दी जाती, जिससे उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति प्रभावित होती है. यदि अन्य राज्य भी हरियाणा की तरह इन शिक्षकों की नौकरी को सुरक्षित करने का फैसला लें, तो देशभर में शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है.

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