Haryana schools: हरियाणा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम और सख्त कदम उठाया है. सरकार ने राज्य भर में चल रहे सभी गैर मान्यता प्राप्त (Unrecognized) स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
इस संबंध में रोहतक के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) द्वारा बाकायदा नोटिस जारी किया गया है. जिसमें साफ कहा गया है कि चाहे कोई भी स्कूल इस केस से संबंधित हो या नहीं. यदि वह बिना मान्यता के चल रहा है, तो उसे तुरंत बंद किया जाए.
शिक्षा विभाग ने जिलों को दिए सख्त निर्देश
जिला शिक्षा अधिकारी, रोहतक द्वारा जारी नोटिस में सभी उप शिक्षा अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि अपने अधीन आने वाले क्षेत्र में जितने भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे हैं. उन्हें चिन्हित कर दो दिन के भीतर बंद कराएं और उसकी रिपोर्ट कार्यालय में जमा करें. इस आदेश का सीधा असर उन स्कूलों पर पड़ेगा जो बिना बोर्ड या शिक्षा विभाग की स्वीकृति के बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं. ये स्कूल न सिर्फ कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. बल्कि बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ कर रहे हैं.
अगर जरूरत पड़ी तो प्रशासन देगा मदद
नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि स्कूल बंद कराने के लिए प्रशासनिक या पुलिस सहयोग की आवश्यकता हो, तो वह भी मुहैया कराया जाएगा. जिला प्रशासन पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार है, बशर्ते कार्रवाई में कोई कोताही न बरती जाए. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को केवल उन्हीं स्कूलों में शिक्षा मिले जो सरकारी मानकों के अनुसार मान्यता प्राप्त हैं.
गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के चलते बच्चों का भविष्य अधर में
हरियाणा सहित देश के कई हिस्सों में लंबे समय से यह समस्या देखी जा रही है कि कई स्कूल बिना किसी मान्यता या वैध बोर्ड के affiliation के चलते हैं. ऐसे स्कूल न तो तय पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं और न ही वहां योग्य शिक्षक होते हैं. इनमें पढ़ने वाले बच्चों को जब किसी और स्कूल या बोर्ड में दाखिला लेना होता है, तो उन्हें मान्यता न होने के कारण अधिकारिक डॉक्युमेंट्स में दिक्कत होती है. इससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है.
सरकार का उद्देश्य
हरियाणा सरकार का यह फैसला इस दिशा में एक मजबूत कदम है कि राज्य में शिक्षा केवल उन्हीं संस्थानों के माध्यम से हो जो वैध और गुणवत्तापूर्ण हों. गैर मान्यता स्कूलों के कारण न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता गिरती है, बल्कि अभिभावकों को भी ठगा जाता है, क्योंकि वे भारी फीस देकर अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में पढ़ाते हैं. जिनकी कोई कानूनी पहचान नहीं होती.
अभिभावकों से भी अपील
इस फैसले के बाद यह जरूरी हो जाता है कि अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल की मान्यता और संबद्धता की जांच खुद भी करें. अगर कोई स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं है, तो बच्चों को वहां से निकालकर किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में दाखिला दिलाएं. यह बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी है. अभिभावकों की सतर्कता और जागरूकता इस लड़ाई में एक अहम भूमिका निभा सकती है.
शिक्षा विभाग कर रहा है हर जिले में निगरानी
हरियाणा के शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी है कि वे अपने-अपने जिले में हर ऐसे स्कूल की पहचान करें, जो बिना मान्यता चल रहा है. टीमें गांव-गांव और शहरों में जाकर स्कूलों का निरीक्षण करेंगी, दस्तावेज जांचेंगी और जहां भी अनियमितताएं पाई जाएंगी. वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी. विभाग का कहना है कि यह एक राज्यव्यापी अभियान होगा और कोई भी गैर मान्यता स्कूल नहीं बख्शा जाएगा.
स्कूल संचालकों को चेतावनी
नोटिस में स्पष्ट रूप से स्कूल संचालकों को भी चेतावनी दी गई है कि अगर वे बिना मान्यता के स्कूल चला रहे हैं, तो यह कानूनी अपराध है और उनके खिलाफ प्रशासनिक और दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है. यदि कोई स्कूल दोबारा से मान्यता प्राप्त करना चाहता है, तो वह शिक्षा विभाग की तय प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकता है. लेकिन तब तक वह स्कूल नहीं चला सकता.