TRAI New Rule: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने मोबाइल नंबरिंग व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव करने का प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव के तहत 10 अंकों के मोबाइल नंबरों के लिए नई नियमावली लागू की जाएगी. जिससे कुछ क्षेत्रों में नंबरिंग सिस्टम में व्यापक बदलाव होंगे. खासकर कुछ कनेक्शनों के लिए 10 अंकों के नंबर को 13 अंकों में बदला जाएगा.
राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में संशोधन
TRAI ने राष्ट्रीय नंबरिंग योजना में बदलाव की सिफारिश की है. जिसका उद्देश्य टेलीकॉम नंबरिंग संसाधनों के प्रबंधन और उनकी उपलब्धता को बेहतर बनाना है. दूरसंचार विभाग (DoT) के अनुरोध पर यह पहल की जा रही है. ताकि फिक्स्ड-लाइन कनेक्शनों के लिए नंबरिंग संसाधनों को व्यवस्थित किया जा सके.
10-अंकीय फिक्स्ड-लाइन नंबरिंग योजना में बदलाव
TRAI ने 10-अंकीय फिक्स्ड-लाइन नंबरिंग योजना में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत वर्तमान SDCA (शॉर्ट डिस्टेंस चार्जिंग एरिया) मॉडल को बदलकर LSA (लाइसेंस सर्विस एरिया) आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी. इससे फिक्स्ड-लाइन कनेक्शनों के लिए अधिक नंबरिंग संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे और प्रतिबंधित संसाधनों को अनलॉक किया जा सकेगा.
नया कोड डायलिंग पैटर्न लागू होगा
TRAI ने यह सिफारिश की है कि सभी फिक्स्ड-लाइन कॉल्स को “0” उपसर्ग के साथ डायल किया जाए. इसके बाद STD कोड और ग्राहक संख्या जोड़ी जाएगी. हालांकि मोबाइल-टू-मोबाइल, मोबाइल-टू-फिक्स्ड और फिक्स्ड-टू-मोबाइल कॉलिंग पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस नए पैटर्न को लागू करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को छह महीने का समय दिया जाएगा.
स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए CNAP प्रणाली
TRAI ने स्पैम कॉल्स और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) प्रणाली की तत्काल शुरुआत की सिफारिश की है. इस प्रणाली के तहत उपयोगकर्ताओं को अज्ञात कॉल्स की पहचान करने की सुविधा मिलेगी. जिससे वित्तीय धोखाधड़ी और स्पैम कॉल्स पर अंकुश लगाया जा सकेगा.
निष्क्रिय नंबरों के लिए नए नियम
TRAI ने निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसके तहत यदि कोई नंबर 90 दिनों तक निष्क्रिय रहता है, तो उसे बंद नहीं किया जाएगा. लेकिन अगर वह 365 दिनों तक उपयोग में नहीं आता है, तो टेलीकॉम ऑपरेटरों को उसे निष्क्रिय करना होगा. इससे निष्क्रिय नंबरों को नए उपयोगकर्ताओं को फिर से आवंटित करने में मदद मिलेगी.
M2M सिम कार्ड के लिए 13-अंकीय नंबरिंग व्यवस्था
स्मार्ट डिवाइसेज और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) कनेक्शनों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, TRAI ने मशीन-टू-मशीन (M2M) कनेक्शनों के लिए 10-अंकीय नंबरों को 13 अंकों में बदलने का प्रस्ताव रखा है. यह बदलाव बढ़ती मांग और सीमित नंबरिंग संसाधनों की समस्या को हल करने के लिए किया जा रहा है.
शॉर्टकोड आवंटन के लिए सख्त नियम
TRAI ने शॉर्टकोड नंबरिंग को लेकर भी सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए नियमों के तहत लेवल-1 शॉर्टकोड केवल सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा और इसके उपयोग की निगरानी के लिए नियमित ऑडिट किया जाएगा. इससे शॉर्टकोड संसाधनों का सही और उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा.
टेलीकॉम सेवाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार
TRAI की इन सिफारिशों से टेलीकॉम सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद की जा रही है. नंबरिंग संसाधनों के सही प्रबंधन और पारदर्शी प्रक्रिया से टेलीकॉम नेटवर्क की दक्षता बढ़ेगी. जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी.
उपभोक्ताओं के लिए अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा
TRAI के इन बदलावों से टेलीकॉम उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी. CNAP प्रणाली के जरिए अज्ञात कॉल्स की पहचान करने की सुविधा मिलेगी. जिससे साइबर धोखाधड़ी और अवांछित कॉल्स की समस्या कम होगी.