Bank Loan: अब पहली बार उद्यमी बनने की इच्छा रखने वाले ग्रामीणों के लिए सरकारी बैंक से कर्ज लेना आसान होगा. इसके लिए सरकार ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का एक नया फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इस स्कोर को विकसित करने की घोषणा की गई है. इस योजना से ग्रामीणों को बैंक से कर्ज लेने में आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलेगी.
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का उद्देश्य
वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीण क्रेडिट स्कोर तैयार करने के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क बनाएं. इसका उद्देश्य उन ग्रामीण लोगों को लाभ देना है. जिनके पास अब तक कोई औपचारिक क्रेडिट स्कोर नहीं था. यह फ्रेमवर्क ग्रामीणों की वित्तीय स्थिति का आकलन करेगा और बैंक को यह जानने में मदद करेगा कि उन्हें लोन देने में कितना जोखिम है.
डिजिटल आधार पर होगा क्रेडिट स्कोर
यह क्रेडिट स्कोर पूरी तरह से डिजिटल आधार पर तैयार किया जाएगा. इसमें स्वामित्व स्कीम की भी सहायता ली जाएगी. इस योजना के तहत ग्रामीणों की संपत्तियों की डिजिटल जानकारी बैंक के पास उपलब्ध होगी. जिससे उनका क्रेडिट स्कोर तैयार करने में आसानी होगी.
क्रेडिट कार्ड की सुविधा
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर बनने के बाद माइक्रो उद्यमी यानी छोटे कारोबार करने वाले ग्रामीणों को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये तक का क्रेडिट कार्ड भी जारी किया जा सकेगा. इस क्रेडिट कार्ड के जरिए वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए धन का उपयोग कर सकेंगे. डीएफएस के अधिकारी के अनुसार इस प्रणाली के लागू होने के बाद ग्रामीणों की वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा.
महिलाओं को मिलेगा बड़ा लाभ
ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय लाखों महिलाओं के लिए यह योजना एक सुनहरा अवसर साबित होगी. विशेष रूप से वे महिलाएं जो सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) से जुड़ी हैं. वे इस सुविधा का भरपूर लाभ उठा सकेंगी. सेल्फ हेल्प ग्रुप के लेनदेन को भी सेंट्रल क्रेडिट सिस्टम से जोड़ा जाएगा. जिससे उनकी क्रेडिट प्रोफाइल तैयार करने में सहायता मिलेगी.
पहली बार लोन लेने वाले ग्रामीणों के लिए राहत
अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग पहली बार लोन लेने की इच्छा रखते थे. उन्हें सरकारी बैंक से लोन मिलने में काफी दिक्कत होती थी. इसका मुख्य कारण यह था कि उनके पास कोई सिबिल स्कोर नहीं होता था. बैंक आमतौर पर उन्हीं लोगों को लोन देते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो लिमिटेड (सिबिल) द्वारा निर्धारित होता है. इस समस्या को हल करने के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्कोर को विकसित किया जा रहा है.
लोन प्रक्रिया होगी आसान
अक्सर पहली बार लोन लेने वाले ग्रामीणों के पास न तो कोई वित्तीय इतिहास होता है और न ही वे औपचारिक बैंकिंग ट्रांजेक्शन में सक्रिय होते हैं. इस वजह से बैंक उनके वित्तीय जोखिम का आकलन नहीं कर पाते. लेकिन अब बजट 2025-26 में पहली बार कारोबार शुरू करने वाली एसएचजी की महिलाएं एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं को लोन देने की सुविधा दी गई है. इस नए फ्रेमवर्क के तहत अब वे बिना किसी बाधा के आसानी से लोन प्राप्त कर सकेंगे.
ग्रामीणों को खुद मिलेगी अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की सुविधा शुरू होने के बाद, ग्रामीण खुद भी अपनी लोन क्षमता की जांच कर सकेंगे. वे यह जान पाएंगे कि वे कितनी राशि का लोन लेने के योग्य हैं और उनकी चुकाने की क्षमता क्या है. इससे बैंकों और लोन लेने वालों के बीच पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
बैंकिंग सेवाओं का विस्तार
इस योजना का एक अन्य प्रमुख लाभ यह होगा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार होगा. अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं. जहां बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं. इस नई व्यवस्था से बैंकिंग सेवाएं अधिक लोगों तक पहुंच सकेंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर के आने से छोटे व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा. जिन ग्रामीणों के पास कोई आर्थिक सहायता नहीं थी. वे अब अपनी जरूरतों के अनुसार लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इससे न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.