इन कर्मचारियों को सरकार देगी जबरन रिटायरमेंट, लिटिगेशन पॉलिसी होगी तैयार Employees Retirement

Employees Retirement: हरियाणा सरकार ने सरकारी विभागों में काम को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Forced Retirement) देने का निर्णय लिया है. इस फैसले के तहत सभी सरकारी विभागों में समीक्षा कमेटियां गठित की जाएंगी, जो 50 साल से अधिक उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी.

सभी विभागों में बनाई जाएंगी समीक्षा कमेटियां

मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने हाल ही में हुई एक बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन कर्मचारियों की उम्र 50 वर्ष से अधिक हो चुकी है, उनके कार्य निष्पादन की गहन समीक्षा की जाए. इसके लिए विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों में भी समीक्षा कमेटियों का गठन किया जाएगा.

गैर-कार्यशील कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

हरियाणा सरकार की इस नीति के तहत उन अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाएगा जो अपने कार्य में लापरवाही बरतते हैं और जिनकी कार्यक्षमता संतोषजनक नहीं है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य सरकारी तंत्र को अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है.

कर्मचारियों से जुड़े मामलों के समाधान के लिए बनेगी लिटिगेशन पॉलिसी

मुख्य सचिव ने बताया कि जल्द ही सरकार एक नई लिटिगेशन पॉलिसी तैयार करेगी, जिससे कर्मचारियों से जुड़े मामलों में उल्लेखनीय कमी आएगी. इस पॉलिसी के लागू होने से कानूनी विवादों को कम करने में मदद मिलेगी और प्रशासन की कार्यक्षमता में सुधार होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2019 में किया था संशोधन

हरियाणा में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की नीति कोई नई नहीं है. साल 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति नीति में संशोधन किया था, जिससे अक्षम और अनुशासनहीन कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सके. अब सरकार इस नीति को और अधिक प्रभावी बना रही है.

सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और कार्यकुशलता का प्रयास

इस कदम का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ावा देना है. जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन लगातार खराब रहेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इससे कार्यरत कर्मचारियों में भी अनुशासन बना रहेगा और वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेंगे.

जबरन रिटायरमेंट से सरकारी कामकाज में होगा सुधार

सरकार का मानना है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति से सरकारी कामकाज में सुधार होगा. इससे ऐसे कर्मचारियों की पहचान होगी जो लापरवाही बरतते हैं और उन्हें हटाकर योग्य और कर्मठ अधिकारियों को मौका दिया जाएगा. इससे प्रदेश की सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा.

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