हरियाणा में बेरोजगार युवाओं को मिलेगी नौकरी, स्कूलों में होगी बंपर भर्तियां Teachers Recruitment

Teachers Recruitment: हरियाणा सरकार ने नई शिक्षा नीति 2024 के तहत प्राइमरी स्कूलों में संस्कार शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला किया है. यह शिक्षक भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ कल्चरल एंड अफेयर्स और देश की एक प्रतिष्ठित संस्था के सहयोग से नियुक्त किए जाएंगे. इस पहल का उद्देश्य छात्रों में नैतिक मूल्यों, संस्कारों और सामाजिक जिम्मेदारियों को विकसित करना है.

भर्ती प्रक्रिया और योग्यता

संस्कार शिक्षक पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा पास रखी गई है. इसके अलावा:

  • आवेदक की आयु 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
  • एससी, एसटी, भूतपूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को 3 वर्ष की आयु सीमा में छूट दी जाएगी.
  • 33% पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे.

चयन प्रक्रिया और वेतनमान

चयनित संस्कार शिक्षकों को हर दिन 2 घंटे तक पढ़ाने की जिम्मेदारी होगी. इसके एवज में उन्हें ₹9,240 का वेतनमान प्रदान किया जाएगा.

  • गांवों में नियुक्ति के नियम: यदि किसी गांव में एक प्राइमरी स्कूल है, तो शिक्षक की नियुक्ति उसी स्कूल में होगी.
  • अधिक स्कूलों वाले क्षेत्र: जहां दो या अधिक स्कूल हैं, वहां शिक्षकों को अलग-अलग दिनों में पढ़ाने या एक-एक घंटे के लिए दोनों स्कूलों में सेवाएं देने की अनुमति होगी.

संस्कार शिक्षकों की भूमिका

संस्कार शिक्षक छात्रों को नैतिकता, अनुशासन और संस्कारों का पाठ पढ़ाएंगे. उनका मुख्य कार्य होगा:

  • विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा देना.
  • भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जानकारी देना.
  • शिक्षा के साथ सामाजिक मूल्यों को विकसित करना.
  • विद्यार्थियों में अनुशासन और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देना.

आवेदन प्रक्रिया

संस्कार शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी. इच्छुक उम्मीदवार निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • नई शिक्षा नीति के तहत संस्कार शिक्षक भर्ती के लिंक पर क्लिक करें.
  • आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.
  • फॉर्म सबमिट करने के बाद आवेदन की स्थिति जांचें.

इस योजना का उद्देश्य

हरियाणा सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और संस्कारवान बनाना है. संस्कार शिक्षकों की नियुक्ति से छात्रों में नैतिक मूल्यों को विकसित करने, शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाने और सामाजिक चेतना को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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